Rescued from Manipur, a student from Himachal said, never thought that help would come immediately
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मणिपुर से रेस्क्यू किए गए हिमाचल के एक छात्र ने कहा, कभी नहीं सोचा था तुरंत सहायता मिलेगी

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हमीरपुर:हिंसा प्रभावित मणिपुर से बुधवार को अपने पैतृक गांव लौटे एनआईटी मणिपुर के एक छात्र ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से संपर्क कर उन्हें वहां से निकालने का अनुरोध किया तब उसने यह कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इतनी जल्दी सहायता मिलेगी। संवाददाताओं से बात करते हुए छात्र केशव सिंह ने कहा कि मणिपुर में हालात खराब हैं। वहां घरों में आग लगाई जा रही थी और धमाके किए जा रहे थे। केशव, एनआईटी मणिपुर में एमएसी (गणित) का छात्र है। वह, उन पांच स्थानीय छात्रों में शामिल था जिन्हें मणिपुर से निकाला गया था।

उसने बताया कि छात्र छात्रावास के अंदर सुरक्षित हैं लेकिन लगातार हो रही झड़पों से डरे हुए हैं। बुधवार को हमीरपुर में अपने पैतृक गांव जोल लांबरी लौटे सिंह ने कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि मदद इतनी जल्दी आ जाएगी, जब हमने मुख्यमंत्री सुक्खू को वहां से निकालने के लिए संपर्क किया था। वापस लाए गए अन्य चार छात्रों में मंडी से सिमरन, सुजल कौंडल और अश्विनी कुमार और कुल्लू से नवांग छेरिंग शामिल हैं।

सिंह ने कहा कि घर पहुंचने से पहले उनलोगों ने नयी दिल्ली में मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि मणिपुर में फंसे एक छात्र का संदेश मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत उसका जवाब दिया और राज्य के पांच छात्रों को वहां से निकालने के लिए सहायता भेजी।

बता दे की मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में आदिवासियों द्वारा मणिपुर के दस पहाड़ी जिलों में प्रदर्शन किए जाने के बाद पिछले सप्ताह हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 54 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, हिंसा प्रभावित इलाकों से लगभग 23,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।